वरदान …
वरदान …
मृदुल मुस्कान से घावों का निदान हो गया।
मधु क्षणों के अमरत्व का सामान .हो गया।
वो यौवन की देहरी पर .भ्रमरों की ..गुंजन –
निस्पंद भाव को स्वरों का वरदान हो गया।
सुशील सरना
वरदान …
मृदुल मुस्कान से घावों का निदान हो गया।
मधु क्षणों के अमरत्व का सामान .हो गया।
वो यौवन की देहरी पर .भ्रमरों की ..गुंजन –
निस्पंद भाव को स्वरों का वरदान हो गया।
सुशील सरना