Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2023 · 1 min read

” वट वृक्ष सा स्पैक्ट्रम “

” वट वृक्ष सा स्पैक्ट्रम ”
वट वृक्ष सा खिला है स्पैक्ट्रम
कोई डाल तो कोई फूल हैं हम
महता है सबकी एक समान ही
जड़ खिले तो खिलखिलाएं हम,
बुजुर्गों की जड़ रूपी फ़ैलावट ने
ऊपर असंख्य डालियां पनपाई हैं
डालियों पर नन्हें नन्हें अनेकों फूल
तभी तो फलों की लदावट गहराई है,
आवागमन तो चक्र है प्रकृति का
वट तरु भी शुष्क पतझड़ झेलता है
अवरोध से लेकिन रुकता तो नहीं
बसंत में नव कोपलों संग खिलता है,
नव वर्ष का नव आगमन है आया
वट वृक्ष भी देखो क्या खूब लहराया
मिल जुलकर करेंगे हम सब मेहनत
बीती ताहि बिसार मधुर फल चखना,
मतभेद सारे दबे बीते वर्ष की रज में
नव उमंग से युवा डालियों को सींचना
नौजवान सब लेंगे बुजुर्गों से मार्गदर्शन
स्वपन सबका स्पैक्ट्रम को गति देना।
डाॅ मीनू पूनिया
नव वर्ष 2023 की मंगलमय शुभकामनाएं।

Language: Hindi
1 Like · 178 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Meenu Poonia
View all
You may also like:
Even if you stand
Even if you stand
Dhriti Mishra
बस्ते...!
बस्ते...!
Neelam Sharma
दिल ये इज़हार कहां करता है
दिल ये इज़हार कहां करता है
Surinder blackpen
कहती जो तू प्यार से
कहती जो तू प्यार से
The_dk_poetry
तुम ही तो हो
तुम ही तो हो
Ashish Kumar
सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
#प्रतिनिधि_गीत_पंक्तियों के साथ हम दो वाणी-पुत्र
#प्रतिनिधि_गीत_पंक्तियों के साथ हम दो वाणी-पुत्र
*Author प्रणय प्रभात*
जल धारा में चलते चलते,
जल धारा में चलते चलते,
Satish Srijan
*जन्मदिवस पर केक ( बाल कविता )*
*जन्मदिवस पर केक ( बाल कविता )*
Ravi Prakash
बड़ी मुश्किल है
बड़ी मुश्किल है
Basant Bhagawan Roy
मे कोई समस्या नहीं जिसका
मे कोई समस्या नहीं जिसका
Ranjeet kumar patre
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
पूर्वार्थ
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
Writer_ermkumar
जो ना होना था
जो ना होना था
shabina. Naaz
बंधन यह अनुराग का
बंधन यह अनुराग का
Om Prakash Nautiyal
मैं चाहता हूँ अब
मैं चाहता हूँ अब
gurudeenverma198
अब समन्दर को सुखाना चाहते हैं लोग
अब समन्दर को सुखाना चाहते हैं लोग
Shivkumar Bilagrami
Motivational
Motivational
Mrinal Kumar
STOP looking for happiness in the same place you lost it....
STOP looking for happiness in the same place you lost it....
आकांक्षा राय
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
VINOD CHAUHAN
💐प्रेम कौतुक-500💐
💐प्रेम कौतुक-500💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
ओनिका सेतिया 'अनु '
बहुत कड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो
बहुत कड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो
Vishal babu (vishu)
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
"जीवन की परिभाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
Manoj Mahato
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
प्रेमदास वसु सुरेखा
ओ मां के जाये वीर मेरे...
ओ मां के जाये वीर मेरे...
Sunil Suman
नाम इंसानियत का
नाम इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
Loading...