वटसावित्री
वटसावित्री
वट बरगद प्रिय देव वृक्ष है।
परम पवित्र साक्ष्य शिक्ष है।।
इसका पूजन जो करता है।
उसे ब्रह्म का वर मिलता है।।
सावित्री देवी वट रचिता।
सरस्वती साक्षात वंदिता।।
महा तपस्वी दिव्य योगिनी।
सावित्री अक्षय सुहागिनी।।
सत्यवान को जीवन देना।
यम दूतों का हृदय जीतना।।
वट कन्या वट पूजक नारी।
मात शारदा जैसी प्यारी।।
वटसावित्री अमर कहानी।
पति रक्षक वट की दीवानी।।
ब्रह्मा विष्णु महेश इसी में।
नहीं शक्ति है अन्य वृक्ष में।।
वृक्ष नहीं यह दिव्य लोक है।
सावित्री का प्रिय अशोक है।।
इसकी जो भी पूजा करता।
उसको मिलती सहज अमरता।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।