Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2023 · 2 min read

#वक्त मेरे हत्थों किरया

🙏 ● देवनागरी लिपि में पंजाबी कविता ●
✍️

★ #वक्त मेरे हत्थों किरया ★

वक्त मेहरबान मेरा
वक्त वक्त ते आँवदै
वक्त इक ज़हरीली नागन
वक्त वक्त नूँ खाँवदै
न जांदा दिसदै निरमोही
ख़वरे किधरों आँवदै

वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .

वक्त मेरे हत्थों किरया
वक्त पत्थर दिल ते धरया
वक्त पहाड़ीं झरदे चोअ
वक्त हनेरे मित्तरां दी लोअ
वक्त बद्दल गज्ज-गज्ज आवण
वक्त धरती पाड़
न रही मैं याराँ जोगी
न कोई मेरा यार

वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .

वक्त अम्बरीं सूरज चढ़या
वक्त हत्थीं ठूठा फड़या
वक्त दिल दियाँ दिल विच रहियाँ
वक्त अक्खियाँ सब कह गइयाँ
वक्त पींघां विच असमानीं
वक्त फुल्लाँ दे ख़ार
न रही मैं नवीं नरोई
न दिसदी बीमार

वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .

वक्त जो आखे मैं न मंन्नाँ
वक्त नपीड़े वांगूँ गंन्ना
वक्त दे अग्गे शेर जो होवण
वक्त तों पहलाँ ढेर ओह होवण
वक्त फौजाँ फतह बुलावण
वक्त कंडयाँ दे हार
न मैं गोली राजा जी दी
न मेरी गुफ़्तार

वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .

वक्त रौणकाँ हासे-खेड़े
वक्त हँझू होर वी नेड़े
वक्त कंजर वक्त मरासी
वक्त उडारी वक्त चुरासी
वक्त दिल दरवेश सदींदा
वक्त अक्खियाँ चार
न कोई साडे अग्गे-पिच्छे
न कोई विचकार

वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .

वक्त वक्त दी मेहर असां ते
वक्त वक्त दा फेर असां ते
वक्त नींहां वक्त बनेरा
वक्त नाग है वक्त सपेरा
वक्त झिलमिल-झिलमिल तारे
वक्त असां दा प्यार
न मैं घुँड चों बाहर आई
न होए दीदार

वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .

वक्त खेती खसमाँ सेती
वक्त खुम्बाँ उग्गियाँ
वक्त फरेबी पदभैड़े जंम्में
वक्त कणकाँ लुग्गियाँ
वक्त धरती पूजण जोगी
वक्त है अणखीली मुटयार
न मैं मर के मिट्टी होई
न होई दस्तार

वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .

वक्त काली रात ग़मां दी
वक्त चिट्टा चादरा
वक्त जोगी तुरदा-फिरदा
वक्त साहाँ दा आसरा
वक्त हयाती मेरी साथण
वक्त है किश्ती बिन पतवार
न पल्ले मेरे भाड़ा दमड़ी
न कोई उतारे पार

वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . . ।

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Punjabi
163 Views

You may also like these posts

ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,
ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,
ओसमणी साहू 'ओश'
ये वक़्त कभी असुरक्षित करता है तो कभी सुरक्षित,
ये वक़्त कभी असुरक्षित करता है तो कभी सुरक्षित,
Ajit Kumar "Karn"
ढलती साँझ
ढलती साँझ
शशि कांत श्रीवास्तव
प्रजातन्त्र आडंबर से नहीं चलता है !
प्रजातन्त्र आडंबर से नहीं चलता है !
DrLakshman Jha Parimal
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
- तेरे बिना जी नही पाऊंगा -
- तेरे बिना जी नही पाऊंगा -
bharat gehlot
2650.पूर्णिका
2650.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दोहे-पुरवाई
हिंदी दोहे-पुरवाई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#हिरदेपीर भीनी-भीनी
#हिरदेपीर भीनी-भीनी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
पापा
पापा
Dr Archana Gupta
रोला
रोला
seema sharma
" वो "
Dr. Kishan tandon kranti
ताशकंद वाली घटना।
ताशकंद वाली घटना।
Abhishek Soni
यमराज मेरा यार
यमराज मेरा यार
Sudhir srivastava
स्नेह - प्यार की होली
स्नेह - प्यार की होली
Raju Gajbhiye
Being corrected means we have been wrong , so it can be diff
Being corrected means we have been wrong , so it can be diff
पूर्वार्थ
हिंदी दिवस विशेष
हिंदी दिवस विशेष
रेखा कापसे
नारी तुम महान
नारी तुम महान
Seema gupta,Alwar
पर्वत दे जाते हैं
पर्वत दे जाते हैं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
वो पत्थर याद आते हैं
वो पत्थर याद आते हैं
प्रकाश कुमार "बाग़ी"
सोच तो थी,
सोच तो थी,
Yogendra Chaturwedi
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
ओनिका सेतिया 'अनु '
आंखों से अश्क बह चले
आंखों से अश्क बह चले
Shivkumar Bilagrami
न मन को अब होगी
न मन को अब होगी
Dr fauzia Naseem shad
बाल कविता: मदारी का खेल
बाल कविता: मदारी का खेल
Rajesh Kumar Arjun
*रामपुर रियासत के कवि सय्यद नवाब जान की फारसी लिपि में हिंदी काव्य कृति
*रामपुर रियासत के कवि सय्यद नवाब जान की फारसी लिपि में हिंदी काव्य कृति "रियाजे जान"(1910 ईसवी)*
Ravi Prakash
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय*
उदासी की चादर
उदासी की चादर
Phool gufran
ग़ज़ल की नक़ल नहीं है तेवरी + रमेशराज
ग़ज़ल की नक़ल नहीं है तेवरी + रमेशराज
कवि रमेशराज
नखरे हज़ार तेरे, अपने सर उठाऊंगा,
नखरे हज़ार तेरे, अपने सर उठाऊंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...