#वक्त मेरे हत्थों किरया
🙏 ● देवनागरी लिपि में पंजाबी कविता ●
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★ #वक्त मेरे हत्थों किरया ★
वक्त मेहरबान मेरा
वक्त वक्त ते आँवदै
वक्त इक ज़हरीली नागन
वक्त वक्त नूँ खाँवदै
न जांदा दिसदै निरमोही
ख़वरे किधरों आँवदै
वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .
वक्त मेरे हत्थों किरया
वक्त पत्थर दिल ते धरया
वक्त पहाड़ीं झरदे चोअ
वक्त हनेरे मित्तरां दी लोअ
वक्त बद्दल गज्ज-गज्ज आवण
वक्त धरती पाड़
न रही मैं याराँ जोगी
न कोई मेरा यार
वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .
वक्त अम्बरीं सूरज चढ़या
वक्त हत्थीं ठूठा फड़या
वक्त दिल दियाँ दिल विच रहियाँ
वक्त अक्खियाँ सब कह गइयाँ
वक्त पींघां विच असमानीं
वक्त फुल्लाँ दे ख़ार
न रही मैं नवीं नरोई
न दिसदी बीमार
वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .
वक्त जो आखे मैं न मंन्नाँ
वक्त नपीड़े वांगूँ गंन्ना
वक्त दे अग्गे शेर जो होवण
वक्त तों पहलाँ ढेर ओह होवण
वक्त फौजाँ फतह बुलावण
वक्त कंडयाँ दे हार
न मैं गोली राजा जी दी
न मेरी गुफ़्तार
वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .
वक्त रौणकाँ हासे-खेड़े
वक्त हँझू होर वी नेड़े
वक्त कंजर वक्त मरासी
वक्त उडारी वक्त चुरासी
वक्त दिल दरवेश सदींदा
वक्त अक्खियाँ चार
न कोई साडे अग्गे-पिच्छे
न कोई विचकार
वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .
वक्त वक्त दी मेहर असां ते
वक्त वक्त दा फेर असां ते
वक्त नींहां वक्त बनेरा
वक्त नाग है वक्त सपेरा
वक्त झिलमिल-झिलमिल तारे
वक्त असां दा प्यार
न मैं घुँड चों बाहर आई
न होए दीदार
वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .
वक्त खेती खसमाँ सेती
वक्त खुम्बाँ उग्गियाँ
वक्त फरेबी पदभैड़े जंम्में
वक्त कणकाँ लुग्गियाँ
वक्त धरती पूजण जोगी
वक्त है अणखीली मुटयार
न मैं मर के मिट्टी होई
न होई दस्तार
वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . .
वक्त काली रात ग़मां दी
वक्त चिट्टा चादरा
वक्त जोगी तुरदा-फिरदा
वक्त साहाँ दा आसरा
वक्त हयाती मेरी साथण
वक्त है किश्ती बिन पतवार
न पल्ले मेरे भाड़ा दमड़ी
न कोई उतारे पार
वक्त मेरे हत्थों किरया . . . . . ।
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२