वंश वृक्ष
सुखद आश्चर्य
यदि किसी माँ की
किसी की दादी की
किसी की परदादी की
25वीं पुण्यतिथि मनाई जाये ।
वसुधा को कुटुम्ब मानते हैं हम
लेकिन अपने कुटुम्ब के
परदादा/दादी का नाम नहीं जानते ।
अपनी संस्कृति से कटकर
जाति, पंथों में बंटकर
अपनी परम्परायें नहीं पहचानते ।
आओ हम सब
अपने अपने कुटुम्ब का
वंश वृक्ष बनायें ।
अपने पुरखों को जानें
उनकी विशिष्टियां पहचाने
उनके गुण गायें ।