लोग बस आपन कहावे के हवे
दुख कवन के से सुनावे के हवे।
हाल खुद के का बतावे के हवे।
वक्त पर ना साथ देला आदमी।
लोग बस आपन कहावे के हवे।
(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य’
दुख कवन के से सुनावे के हवे।
हाल खुद के का बतावे के हवे।
वक्त पर ना साथ देला आदमी।
लोग बस आपन कहावे के हवे।
(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य’