लोग दुनिया में बहुत बाटे गिरावे वाला
लोग दुनिया में बहुत बाटे गिरावे वाला
खोजलो से ना मिले केहू उठावे वाला
खुद से मंजिल के पता खोजि ल ये राही तू
राह भटकल हवें अब राह देखावे वाला
काम कवनो जे करऽ राज न खोलऽ पहिले
हाथ अक्सर मले हर भेद बतावे वाला
कम जे बोलत रहे ऊ आज जुबां पर बाटे
हो गइल शोर में गुम शोर मचावे वाला
बात बिगड़ी त बिगड़ते रही जाने कबले
बात येही से करऽ बात बनावे वाला
आँख मुनि के न भरोसा करऽ तू सबका पर
घात कर दे ना कहीं हाथ मिलावे वाला
देखऽ ‘आकाश’ इहाँ तहरे ले बाटे नाहीं
दर्द सबका लगे बा नींद उड़ावे वाला
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 11/10/2024