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7 Nov 2022 · 1 min read

लोग आपन त सभे कहाते नू बा

लोग सगरो पुरनका ओराते नू बा |
रीति रिवाज सगरो भुलाते नू बा |

चांद पर लोग दुनिया बसावे चलल,
खत्म धरती हो जाई सुनाते नू बा |

गाँव जबसे शहर में समाइल हवे,
नेह सबकी हृदय से झुराते नू बा |

का हकीकत बताईं छुपाईं का हम,
झूठ से सांच देखऽ लुकाते नू बा |

ओठ पर बा हँसी आजु बस नाम के,
लोर अँखियन में सबकी बुझाते नू बा |

आजु केकरा प केहू भरोसा करो,
खून रिश्तन में रोजो सुनाते नू बा |

भिंड बा शोर बा फिर भी तन्हाई बा,
‘सूर्य’ आपन त सभे कहाते नू बा |

सन्तोष कुमार विश्वकर्मा ‘सूर्य’

Language: Bhojpuri
353 Views

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