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30 Aug 2021 · 1 min read

लोकतंत्र की धूरी

हमने
माना कि
यह मजबूरी है!
लेकिन
बोलना
बहुत ज़रूरी है!!
अभिव्यक्ति की
आज़ादी
ही तो!
एक ज़िंदा
लोकतंत्र
की धूरी है!!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
276 Views
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