ले लो दुआएँ माँ-बाप की (वर्ण पिरामिड)
ओ
मेरे
लाडले
तुझको दूं
जी भर कर
अपनी दुआएं
जुग-जुग जिए तू !
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मांँ
हूँ ना
तभी तो
बेचैन हूँ
अपने लाल
की याद करके
अँखियाँ भिगोती हूँ।
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लो
तुम
दुआएं
मां बाप की
और साथियों
अपना जीवन
सफल करो तुम।
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—-रंजना माथुर दिनांक 20/08/2017
(मेरी स्व रचित व मौलिक रचना)
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