Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2022 · 1 min read

लिखे आज तक

शब्द मैंने तो तुम तक लिखे आज तक
मैंने कुछ एक मुक्तक लिखे आज तक
राहें आसान होतीं तो लिखते और कुछ,
हमने राहों के कंटक लिखे आज तक
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 331 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बचपन के पल
बचपन के पल
Soni Gupta
"दिमाग"से बनाये हुए "रिश्ते" बाजार तक चलते है!
शेखर सिंह
*पेड़*
*पेड़*
Dushyant Kumar
*जब से हुआ चिकनगुनिया है, नर्क समझ लो आया (हिंदी गजल)*
*जब से हुआ चिकनगुनिया है, नर्क समझ लो आया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मायका वर्सेज ससुराल
मायका वर्सेज ससुराल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
Sukoon
वो वक्त कब आएगा
वो वक्त कब आएगा
Harminder Kaur
" आज भी है "
Aarti sirsat
💐प्रेम कौतुक-535💐
💐प्रेम कौतुक-535💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विषय सूची
विषय सूची
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
कविता
कविता
Rambali Mishra
कुंंडलिया-छंद:
कुंंडलिया-छंद:
जगदीश शर्मा सहज
मेरी शक्ति
मेरी शक्ति
Dr.Priya Soni Khare
ये सफर काटे से नहीं काटता
ये सफर काटे से नहीं काटता
The_dk_poetry
बन्दे   तेरी   बन्दगी  ,कौन   करेगा   यार ।
बन्दे तेरी बन्दगी ,कौन करेगा यार ।
sushil sarna
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
Pramila sultan
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*।।ॐ।।*
*।।ॐ।।*
Satyaveer vaishnav
कालः  परिवर्तनीय:
कालः परिवर्तनीय:
Bhupendra Rawat
आज की जरूरत~
आज की जरूरत~
दिनेश एल० "जैहिंद"
पल का मलाल
पल का मलाल
Punam Pande
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
"सुबह की चाय"
Pushpraj Anant
सुन्दर सलोनी
सुन्दर सलोनी
जय लगन कुमार हैप्पी
ख़त पहुंचे भगतसिंह को
ख़त पहुंचे भगतसिंह को
Shekhar Chandra Mitra
जीवन
जीवन
Santosh Shrivastava
जुग जुग बाढ़य यें हवात
जुग जुग बाढ़य यें हवात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गज़ल सी रचना
गज़ल सी रचना
Kanchan Khanna
अपना - पराया
अपना - पराया
Neeraj Agarwal
अपेक्षा किसी से उतनी ही रखें
अपेक्षा किसी से उतनी ही रखें
Paras Nath Jha
Loading...