लिखूं अहसास दिल के धड़कनों में तुम छुपा देना ।
ग़ज़ल
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लिखूं अहसास दिल के धड़कनों में तुम छुपा देना ।
इशारों में मुझे अपना बात कर मुस्कुरा देना।।
मुहोब्बत हो सनम मेरे घड़ी दो पल जरा बैठो ।
जुबां धड़कन की सुनकर के निगाहों से जता देना।।
मुहोब्बत को बयां करती मेरी बेचैन धड़कन को।
जरा बाहों में लेकर के इसे अपना बना देना।।
तुम्हारे याद में हमदम लिखे जज़्बात गजलों में ।
ज़रा सा पास तो आओ इसे पढ़कर बता देना।।
तुम्हारा नाम लिखकर के हथेली को सजाया है ।
अगर हिचकी तुम्हें आए मुहोब्बत को वफ़ा देना।।
अगर तुम मुस्कुराते हो फिजा सी मैं महक जाती ।
उमंगे लेती है तन मन जहां मेरी सजा देना।।
ना देखें जो तुझे “ज्योटी “तो धडकन रुक सी जाती है ।
ज़रा सा सामने आकर झलक अपनी दिखा देना ।।
ज्योटी श्रीवास्तव (jyoti Arun Shrivastava)
अहसास ज्योटी 💞 ✍️