*लड़कियाँ (गीतिका)*
लड़कियाँ (गीतिका)
★★★★★★★★
( 1 )
जब मायके को छोड़कर, ससुराल जाती लड़कियाँ
तब जिंदगी भर मायका, कब भूल पाती लड़कियाँ
( 2 )
बन गईं चाहे भले ही, पोते-पोती-वालियाँ
पर मायके में फिर वही, बचपन बिताती लड़कियाँ
( 3 )
लड़कियों के दिल में हैं मॉं-बाप की यादें बसी
हर जगह उनको ही फिर, जाकर सुनाती लड़कियाँ
( 4 )
माँ बाप भाई और भाभी अब नहीं तो क्या हुआ
अपने भतीजों से वही, रिश्ता निभाती लड़कियाँ
( 5 )
गौर से देखो तो इनमें पीढ़ियों की छाप है
जब बोलती हैं तो झलक, सबकी दिखाती लड़कियाँ
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451