लट्टू हैं अंग्रेज पर, भाती गोरी मेम (कुंडलिया)
लट्टू हैं अंग्रेज पर, भाती गोरी मेम (कुंडलिया)
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लट्टू हैं अंग्रेज पर , भाती गोरी मेम
चमड़ी देखी हो गया , अंग्रेजन से प्रेम
अंग्रेजन से प्रेम , लगी परदेसन प्यारी
प्यारा उसका साथ, लगी जग-भर से न्यारी
कहते रवि कविराय , आज भी तोता-रट्टू
रंग गेहुँआ श्याम ,छोड़ गोरी पर लट्टू
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451