रोमांटिक विद्रोही कवि
मैं श्रमण परम्परा से प्रभावित लेखक हूं। मेरे मन में सिद्धों,नाथों, संतों और सूफियों के लिए भी बहुत आदर है। मेरी रचनाओं पर चार्वाक, बुद्ध, महावीर, सुकरात, मंसूर, कबीर, रैदास, बुल्लेशाह,मीरा,कीट्स, शेली, मीर, ग़ालिब, इक़बाल, खलिल जिब्रान, रवीन्द्र नाथ टैगोर, शरत चंद्र चटर्जी, अंबेडकर, भगतसिंह, प्रेमचंद, अज्ञेय, मंटो, अमृता प्रीतम, ओशो, फ़ैज़, ज़ालिब, जोश, मजाज़,साहिर,पाश, धूमिल, दुष्यंत, अदम गोंडवी,आलोक धन्वा, महाश्वेता देवी, राजेंद्र यादव, गौहर रज़ा आदि लेखकों का प्रभाव है। आप मुझे अंबेडकरवादी, जनवादी, नारीवादी, मानवतावादी और प्रगतिशील लेखक भी समझ सकते हैं। मेरे बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले आप अतीत के समस्त विद्रोही और क्रांतिकारी साहित्य पर एक बार विचार कर लीजिएगा। मेरा साहित्य प्रतिरोध का साहित्य है। मेरा स्वर असहमति का स्वर है। मैं एक लेखक के रूप में विपक्ष की आवाज़ बनना चाहता हूं। कुछ चाहने वाले मुझे हिंदी कविता का ‘एंग्री यंग मैन’ भी कहते हैं।