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2 Oct 2021 · 1 min read

रेशम का जाल

अब पिंजरा चाहे जैसा भी हो
टूटना ही उसका मुकद्दर है!
जितनी जल्दी यह समझ ले तू
तेरे लिए उतना ही बेहतर है!
रेशम के इस जाल में कब तक
फंसते रहेंगे मासूम परिंदे!
ज़रा सब्र रख, ऐ शातिर शिकारी
बदलने वाला हर मंज़र है!
Shekhar Chandra Mitra
#RomanticRebel
#AmbedkarVision

Language: Hindi
213 Views
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