रेशम का जाल
अब पिंजरा चाहे जैसा भी हो
टूटना ही उसका मुकद्दर है!
जितनी जल्दी यह समझ ले तू
तेरे लिए उतना ही बेहतर है!
रेशम के इस जाल में कब तक
फंसते रहेंगे मासूम परिंदे!
ज़रा सब्र रख, ऐ शातिर शिकारी
बदलने वाला हर मंज़र है!
Shekhar Chandra Mitra
#RomanticRebel
#AmbedkarVision