रूपये से प्यार
प्यार इतना न करो की ।
जीना दुश्वार हो जाय ।
आंच इतना न दो की ।
अनाज जलकर खाक हो जाय ।
प्यार नही ये मेरे साथ तुमने किया है खेल प्रिये ।
डिब्बा नही हूं मै रेल का ।
जो तुम यात्रा करके छोड़ दिए ।
घन इतना न बरसो की बाढ आ जाए ।
प्यार इतना न करो की।
जीना दुश्वार हो जाय ।
प्यार तो है ये तुम्हारा एक दिखावा ।
पैसे पर मेरे तुमने बोला धावा है ।
जब तक थे ये मेरे पास तब तक तुम थी मेरे पास ।
बता दिया होता तुम्हे रूपये से है तुम्हे इतना प्यार ।
रिजर्व बैंक गवर्नर बन छाता ।
दूर हो जाती सब फिकर
चूमती हो होठो से लगाकर इसे ।
जो है कागज उसे ।
प्यार वही तो सच्चा है ।
जो तो अभी बच्चा है।
कुछ भी नही वह जानता ।
फिर भी क्या चाह है उसकी ।
और दिल मे क्या दर्द है ।
मां कैसे लेती है जान ।
क्योकि वह सुनती है ।
दिल की धङकनो से ये आवाज ।
प्यार न करो रूपये से इतना ।
इक दिन बेकार हो जाएगा ।
जब मोदी के दिल मे वो खुमार छाएगा ।
तो नोटबंदी हो गई तो पैसा दम तोड़ जाएगा ।
प्यार हमसे करती तो ।
नोट हजार आएगा ।
लाइन मे खड़े होकर ।
उस समय जो विचार आएगा ।
कि मेरे ही पैसे लेने मे क्या -क्या भूचाल आएगा ।
नाटो से हम प्यार करते है इसलिए ।
कि उसकी कोई एक्सपायरी डेट नही होता है ।
तुम तो एक दिन बूढे हो जाओगे ।
तो क्या तुम यमराज की मां हो ।
जो तुम सदैव जवां ही रहोगी ।
गर तुमको है प्यार इतना धन से सो जाओ इसे बिस्तर पर लेके ।
नोट से ही घिरी रहोगी सदा ।
नाम दर्ज हो जाएगा तुम चलती-फिरती बैंक हो ।
गिनीज वर्ल्ड बुक मे नाम तुम्हारा दर्ज हो जाएगा ।
सपने इतना न देखो कि ।
गदहा शेर का बाप हो जाय ।
प्यार इतना न करो कि ।
जीना दुश्वार हो जाय ।
Rj Anand Prajapati