राष्ट्रभाषा
2. राष्ट्रभाषा
देश की विडम्बना ये हिन्द देशवासी आज,
निज राष्ट्रभाषा के दिवस हैं मना रहे ।
हिन्दी का दिवस कम हिन्दी पखवाड़ा छोड़,
हिन्दी का बरस हिन्द वासी हैं मना रहे ।
लाज नहीं आती आज कहते हुए इन्हें,
हिन्दी में हो काम तो इनाम होना चाहिए ।
पाँच दस साल कर आधी सदी बीत गई,
काम अंग्रेजी मे हराम होना चाहिए ।
हिन्द देश के निवासी बोलते हैं अंग्रेजी,
इतना न हमे बेईमान होना चाहिए ।
बदला चुकाना हो गुलामी का अगर हमें,
अंग्रेजी हिन्दी की गुलाम होना चाहिए ।
राष्ट्रध्वज राष्ट्रगीत राष्ट्रचिन्ह अपना है ,
राष्ट्रभाषा अपनी जुबान होना चाहिए ।
शैली कीट मिल्टन कितना ही लिख डालें ,
तुलसी और सूर ही महान होना चाहिए ।
छोटी बडी बहने हैं कितनी भाषायें यहाॅ ,
हिन्दी को ही माता का सम्मान होना चाहिए ।
राज्य प्रान्त देश की सीमायें सभी लाँघकर,
हिन्दी का तो सारा ये जहान होना चाहिये ।
गुणों की हैं खान इस देश की भाषायें सभी,
हिन्दी उन सबमें महान होना चाहिए ।
हिन्द की है माटी यहाॅ हिन्द का है पानी यहाँ, अंग्रेजी मे न कोई काम होना चाहिए ।
राष्ट्रभाषा का चितेरा यू एन ओ मे हिन्दी बोले, अटल सा नेता ही महान होना चाहिए ।
रूस चीन कोरिया जापान की भाषायें निज,
हिन्द की भी हिन्दी पहचान होना चाहिए ।
भारती के भाल पे चमक रही बिन्दिया सी,
उसी हिन्दी भाषा को प्रनाम होना चाहिए ।
बात जहाँ आन की या देश के सम्मान की हो,
हिन्दी पर ये जान कुर्बान होना चाहिए ।
आसमाँ पे विश्व के तिरंगा लहराना हो तो,
हिन्दी पर ही हमें स्वाभिमान होना चाहिए ।
प्रकाश चंद्र, लखनऊ
IRPS (Retd)