राष्ट्रभाषा
राष्ट्रभाषा
देश की विडम्बना ये हिन्द देशवासी आज,
निज राष्ट्रभाषा के दिवस हैं मना रहे ।
हिन्दी का दिवस कम हिन्दी पखवाड़ा छोड़,
हिन्दी का बरस हिन्दवासी हैं मना रहे ।
लाज नहीं आती आज कहते हुए इन्हें,
हिन्दी में हो काम तो इनाम होना चाहिए ।
पाँच दस साल कर आधी सदी बीत गई,
काम अंग्रेजी मे हराम होना चाहिए।
हिन्द देश के निवासी बोलते हैं अंग्रेजी,
इतना न हमें बेईमान होना चाहिए ।
बदला चुकाना हो गुलामी का अगर हमें,
अंग्रेजी हिन्दी की गुलाम होना चाहिए ।
राष्ट्रध्वज राष्ट्रगीत राष्ट्रचिन्ह अपना है,
राष्ट्रभाषा अपनी जुबान होना चाहिए।
शैली कीट मिल्टन कितना ही लिख डालें,
तुलसी और सूर ही महान होना चाहिए ।
छोटी बड़ी बहनें हैं कितनी भाषाएँ यहाँ,
हिन्दी को ही माता का सम्मान होना चाहिए।
राज्य प्रान्त देश की सीमाएँ सभी लाँघकर,
हिन्दी का तो सारा ये जहान होना चाहिये।
गुणों की हैं खान इस देश की भाषाएँ सभी,
हिन्दी उन सबमें महान होना चाहिए।
हिन्द की है माटी यहाँ हिन्द का है पानी यहाँ.
अंग्रेजी में न कोई काम होना चाहिए।
राष्ट्रभाषा का चितेरा यू एन ओ में हिन्दी बोले,
अटल सा नेता ही महान होना चाहिए
रूस चीन कोरिया जापान की भाषाएँ निज,
हिन्द की भी हिन्दी पहचान होना चाहिए।
भारती के भाल पे चमक रही बिन्दिया सी,
उसी हिन्दी भाषा को प्रनाम होना चाहिए ।
बात जहाँ आन की या देश के सम्मान की हो,
हिन्दी पे ये जान कुर्बान होना चाहिए ।
आसमां पे विश्व के तिरंगा लहराना हो तो,
हिन्दी पे ही हमें स्वाभिमान होना चाहिए ।
प्रकाश चंद्र
(M) : 8115979002