रावण भी था महाविज्ञ
रावण भी था महाविज्ञ
और अथाह पंडिताई थी
अमृत का था कुंड नाभि में
तीन लोक में धाक जमाई थी
न स्वीकारा सत्य को उसने
फिर अमृत में भी कंडु आई थी
इसी लिए उस महान ने
सारी बिधा गंवाई थी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रावण भी था महाविज्ञ
और अथाह पंडिताई थी
अमृत का था कुंड नाभि में
तीन लोक में धाक जमाई थी
न स्वीकारा सत्य को उसने
फिर अमृत में भी कंडु आई थी
इसी लिए उस महान ने
सारी बिधा गंवाई थी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी