राम
प्राणों से प्रिय राम थे कैकेई के,
क्यों उसने ही वनवास दे दिया।
किस मुंह रहते राम अवध में,
जब घर में छल का वास दे दिया।।
दशरथ मरणासन्न छोड़ कर,
क्या राम का यह समुचित निर्णय था।
राम अगर वन गमन न चुनते तो,
फिर रघुकुल में महा प्रलय था।।
बस रघुकुल मर्यादा खातिर,
चौदह वर्षो का वनवास चुन लिया।
रघुकुल खातिर पिता भुलाकर,
माता कैकेई की बात सुन लिया।।