राम भक्ति गीत
रामभक्ति
“एक गीत ”
जिसने राम नाम गुण गाया भेद उसी ने उसका पाया।
राम नाम ही अपना है बस बाकी सब झूठी माया।।
भक्तों के सारे कष्टों को
क्षण भर में ही हर लेते हैं।
जग के झूठे मोह बंधन से
मुक्त उसे वो कर देते हैं।।
पार वही हो जाता भव से जिसको राम नाम है भाया।
जिसने राम नाम गुण गाया भेद उसी ने उसका पाया।।
कष्ट हरे शबरी के क्षण में ।
जीवित हुई अहिल्या पल में।।
गिद्ध राज तर गए भवसागर ।
श्रीराम का सानिन्ध्य पाकर।।
भवसागर से पार लगाया जो भी उसकी शरण में आया।
जिसने राम नाम गुण गाया ,भेद उसी ने उसका पाया।।
श्रीराम की कथा जो गाएं ।
कष्ट सभी सबके मिट जाएं।।
बेड़ा उसका पार लगा दें ।
भव सागर से पार करा दें।।
जीवन का सब सार बताया जिसने उनका भजन है गाया।
जिसने राम नाम गुण गाया,भेद उसी ने उसका गाया।।
जय श्री राम
अटल मुरादाबादी