*राम पंथ अति उत्तम सतपथ*
राम पंथ अति उत्तम सतपथ
रघुबर के आदर्श का,हो नियमित गुणगान।
दिव्य अमर प्रिय नाथ शुभ,का करना नित ध्यान।।
सत्य सनातन भाव के,पालक प्रभु श्री राम।
सच्चाई की राह बिन,मिले कहाँ आराम??
प्रभु रघुवंशी राम जी,किये प्रजा का ख्याल।
रक्षक बन बीता सहज,उनका जीवन काल।।
साधु संत ही सर्व हैं,यही सनातन धर्म।
इसी पंथ पर नित चले,किये सत्य प्रिय कर्म।।
असुरों का संहार कर,किये धरा को मुक्त।
ऐसे प्रभु श्री राम जी,सदा धर्म से युक्त।।
अति उदारवादी सहज,कृपा सिन्धु श्री राम।
करुणालय बन मनुज को,दिये स्वयं का धाम।।
महाराज श्री राम का,अति पावन दरबार।
परम न्याय प्रिय गेह य़ह,सर्वोचित व्यवहार।।
रम्य भव्य शिव मूल्य ही,इनका प्रिय सिद्धांत।
हृदय बसे श्री राम जी, सदा प्रसन्न सुशांत।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।