राम धाम एक ईंट आप भी लगाइए।
द्वार बार सज रहा, राम धाम बन रहा,
खिल रहा है कमल, आप भी खिलाइए।
सुरमयी बयार है,बहार ही बहार है,
कोई सुमन प्रेम का, आप भी उगाइए।
बाधाओं को लांघकर, प्यार का ही भाव भर,
वैर भाव त्यागकर, प्रीति गीत गाइए।
कीजिए पुनीत कार्य, है बहुत अनिवार्य,
राम धाम एक ईंट,आप भी लगाइए।
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