रामां! थ्हांरै रावळै, दूर होय सब वै’म।
रामां! थ्हांरै रावळै, दूर होय सब वै’म।
ऊंच नीच’म भेद नही ,न्यांव मिळै’ला नेम।।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया…✍️
रामां! थ्हांरै रावळै, दूर होय सब वै’म।
ऊंच नीच’म भेद नही ,न्यांव मिळै’ला नेम।।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया…✍️