राधा संग श्याम खेले (घनाक्षरी)
***ब्रज की होली***(घनाक्षरी)
राधा संग श्याम खेले,गोप गोपिका के मेले
खेले खेले बृजधाम,होलिका जो आई है।।
टोलियों में घूम रहे,गलियों में झूम रहे।
रंगो में मिलाके रंग,,गुलाल उड़ाई है।।
लाल पीले गाल बाल, चाले दिखती कमाल।
हस हस लोट पोट, ज्यों भांग पिलाई है।।
मार मार लट्ठ मार,एक नहीं बार बार।
गोपियों ने गोपको पे, लाठियां चलाई है।।
राजेश व्यास अनुनय