*”रविवार”*
“रविवार”
सोमवार से शनिवार तक काम मे ही बीत जाता।
रविवार छुट्टी के दिन का इंतजार सभी को रहता।
दैनिक दिनचर्या के बाद कुछ नया सृजनात्मक कार्य में व्यस्त रहता।
सोमवार से शनिवार तक जीवन कर्म प्रधान ही रहता।
छ्ह दिनों की जो काम अधूरा वो पूरा करना ही पड़ते।
साफ सफाई अभियान बाजार जा फरमाइशें पूरी करते।
रविवार को उठते ही खाने की नई फ़रमाइश होती स्वादिष्ट व्यंजन बनाते।
भरी दोपहरी में आराम कर शाम ठंडी हवाओं में प्रकृति को निहारते।
पूरे सप्ताहों में रविवार को फुर्सत के पलों में एक दूसरे के संग बैठ बिताते।
यूँ ही दिन गुजर जाते कुछ पल खुशी मनाते फिर सोमवार की तैयारी में जुट जाते।
कहने को तो रविवार छुट्टी लेकिन उस दिन भी कामों की भरमार से परेशान हो जाते।
सैर सपाटे घूमने बाजारों से सामान ले वापस लौट परिवार संग मिलकर गपशप लगाते।
सोमवार से शनिवार तक रविवार की छुट्टी की राह निहारते।
जय श्री कृष्णा राधे राधे ?
शशिकला व्यास✍️