रतियो के महिमा अपार…
रतियो के महिमा अपार…
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रतियो महिमा अपार ये भाई
रतियो के महिमा अपार…
दिनवा के भाग-दौड़ सतरे ससतिया
थकन मेटावे बदे आवे रोज रतिया
आँखि के पुतरिया में निनिया उतरि आवे
उतरेला मथवा से भार ये भाई
रतिया के अँजुरी के बुझिहऽ न खाली
घेरे अन्हरिया त जोन्हीं फुलाली
ज्ञान के जनम होला रतिया के कोखी से
रतिये जनेले उजियार ये भाई
रतियो के महिमा अपार…
रतिया जे आइत ना जिनिगी हेराइत
चाहत के चक्की में लोगवा पिसाइत
ई रतिये रोजिना उछाह भरे आवेला
रतिये लेआवे भिनुसार ये भाई
रतियो के महिमा अपार…
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 19/12/2024