रखना जीवन में सदा, सुंदर दृष्टा-भाव (कुंडलिया)
रखना जीवन में सदा, सुंदर दृष्टा-भाव (कुंडलिया)
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रखना जीवन में सदा , सुंदर दृष्टा – भाव
देखो सब जो हो रहा ,लेकिन नहीं फँसाव
लेकिन नहीं फँसाव ,नहीं मैं जग या काया
मैं हूँ परमानंद , सृष्टि यह केवल माया
कहते रवि कविराय ,दिव्य रस हर क्षण चखना
पर यह ही है शर्त , भाव दृष्टा ही रखना
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दृष्टा = देखने वाला ,दर्शक
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451