रखता पैतृक एलबम , पावन पुत्र सँभाल (कुंडलिया)
रखता पैतृक एलबम , पावन पुत्र सँभाल (कुंडलिया)
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रखता पैतृक एलबम , पावन पुत्र सँभाल
पुरखों की यादें जुड़ीं ,उनके चित्र विशाल
उनके चित्र विशाल, अलौकिक धन-मंजूषा
इससे मिलता ओज,खिलखिलाती ज्यों ऊषा
कहते रवि कविराय , दिव्य-रस मानो चखता
यादों को अनमोल , अमृत के जैसे रखता
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
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पैतृक = पिता-दादा से संबंधित
मंजूषा = पिटारी , संदूक
ऊषा = सूरज निकलने से पहले का समय