रक्षा में हत्या / मुसाफ़िर बैठा
की तो सवर्णों के उस महापुरुष ने
रक्षा की कार्रवाई
हमारे लिए
धर्म के औजार का
इस्तेमाल कर
धर्म दुधारी तलवार है
यद्यपि कि
उन्हें पता नहीं था जैसे
सो, बंदर के हाथ में नारियल
लोकोक्ति में तब्दील हुआ
इस रक्षक कार्रवाई का असर
और जा पहुंचा अंततः
रक्षा में हत्या
मुहावरे तक
अपने सघनतम प्रभाव में!