रक्षाबंधन
#रक्षाबंधन
बहिन आज फूली समाती न मन में !
तड़ित आज फूली समाती न घन में !
झूली घटाएँ समाती नहीं गगन _।
लता आज फूली समाती न बन में ।।
कहीं राखियाँ हैं, चमक है कहीं पर ।
राखियों की बारिश होती जमी पर ।
भैया व बहिन का रिश्ता है पावन।
भाग्यशाली हैं वो पूजें जन्म भर।।
लाई जो राखी, मुहुर्त है पूनम ।
बहिना हमारी भी प्यारी मनोरम।
बधाई उन्हें जिनको भाई मिले हैं ।
बगैर भाई जो उनके भाई हम।।
राजेश कौरव सुमित्र