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8 Aug 2022 · 1 min read

रक्षाबंधन गीत

देख घने काले काले घन,
सबका मन हर्षाया है।
सावन संदेशा लाया है,
रक्षाबंधन आया है।

फिर से वापस लौटा बचपन।
चहक उठा बाबुल का आँगन।
बहना ने अपने भैया के,
मंगल तिलक लगाया है।
रक्षाबंधन आया है।

रेशम का धागा नाजुक सा।
पल भी है कितना भावुक सा।
बाँध कलाई से राखी को,
बंधन मधुर बनाया है।
रक्षाबंधन आया है।

भैया से आशीष मिला है।
खुशियों से संसार खिला है।
मात-पिता सा नेह बहन ने,
भैया के घर पाया है।
रक्षाबंधन आया है।

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
2 Likes · 268 Views
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