रक्षाबंधन की शुभकामना
रक्षाबंधन के अवसर पर,
कोटि कोटि शुभकामना ।
विजयी हो मेरा भाई,
हर बहिन करती कामना ।।
न पूजा किसी देवी देव की,
न आरती न किसी की प्रार्थना।
नारी शक्ति मंगल करने,
रखती है शुभ सदभावना ।।
देवासुर संग्राम में हारे,
हत्तोत्साहित हो गये देव सब।
देवी इन्द्राणी ने रक्षासूत्र,
बॉध इन्द्र को कहा जीतोगें अब।।
जीत हुई थी फिर देवों की,
पर जीता देवी का ही संकल्प था।
देवी शक्ति नारी स्वरूप की,
पूजा ही रक्षाबंधन पर्व था ।।
तब से चला पर्व अति पावन,
हम सबने सुना और जाना।
यह पर्व है नारी पूजन हित,
पर धर्म बड़ा इसे निभापाना।।
बहिन बॉधती है राखी,
आशीषों की वर्षा करती है।
भाई पूजता कर वंदन,
जी जान से सहायता करता है।।
राजेश कौरव “सुमित्र”
बारहाबड़ा, नरसिंहपुर