यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
किसी भी गम की न कभी
तेरे हिस्सें में कोई शाम आये ।
मुस्कुराता हुआ तेरे हिस्से में
तेरा हर एक पल आये ।।
दुआएं तुम्हें बे” पनाह
बे’हिसाब देते हैं ।
कुछ इस तरह से योमे-ए-पैदाइश की
मुबारकबाद देते हैं ।।
तमाम खुशियों जहां की
तेरा मुकद्दर हो ।
मेरे लबों की दुआ का
बस तू ही मरकज़ हो ।।
मुबारक महीना ये तारीख़ प्यारी ।
फूलों सी महके बगिया तुम्हारी ।।
कुछ भी अधूरा मुकद्दर में न हो ।
मुकम्मल हो तैरी ये ज़िन्दगानी ।।
जन्म दिन तुम्हारा
यूं ही आता रहेगा।
खुशियाँ मेरा दिल
यूं ही मनाता रहेगा ।।
न गुज़रे छू के कभी
कोई रंजो गम दुनिया ।
खुदा की रहमतों का
हमेशा ही तुम पर साया रहे।।
दिल की गहराइयों से
तुमको ये दुआ दे दें ।
जहां की हर खुशी तुमको
सब खुदा दे दे ।।
हमारी दुआ की ये पहचान होगी ,
चेहरे पे आपके मुस्कान होगी ।
आपकी पैदाइश का ये ख़ास मौक़ा,
मुस्कुराने से ख़ुद को कहां हमने रोका ।
ज़िंदगी का हर पल आपका,
एक खिलता हुआ गुलाब हो।
हिस्से में आपके खुशियां बेहिसाब हों,
कोशिशें मुकम्मल आप कामयाब हों ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद