योग
करते रहे जो योग
जीवन बने निरोग
परिश्रम करो सदैव
कोई लगे न रोग
सादा हो खान-पान
भागे तमाम रोग
भौतिक सुखों को त्याग
जोगी लिए हैं जोग
तन-मन खिला-खिला तो
बाक़ी बचे न रोग
करते रहे जो योग
जीवन बने निरोग
परिश्रम करो सदैव
कोई लगे न रोग
सादा हो खान-पान
भागे तमाम रोग
भौतिक सुखों को त्याग
जोगी लिए हैं जोग
तन-मन खिला-खिला तो
बाक़ी बचे न रोग