ये हैं दिल के दिल से रिश्ते यहां जीत हार मत कर
ये कभी न भर सकेंगी दिलों में दरार मत कर
ये हैं दिल के दिल से रिश्ते यहां जीत हार मत कर
मैं कभी भी ज़िन्दगी में तुझे ये न कह सकूँगी
कि मैं भूल जाऊँ तुझको ,तू भी इंतज़ार मत कर
तेरे दर्द की इबारत तेरे चेहरे पे लिखी है
तू नये नये बहाने यूँ ही अब हज़ार मत कर
मेरे दिल को तोड़ कर तू मेरा हाल पूछता है
जहाँ चोट पहले से है, वहाँ फिर से वार मत कर
मिला रूप भी है अनुपम ,है भी पास खूब माया
हो गुरूर ही न जाये इन्हें इतना प्यार मत कर
दे के दान अर्चना जो यहाँ पुण्य था कमाया
गा के गान हर जगह उनका तू इश्तिहार मत कर
25-01-2018
डॉ अर्चना गुप्ता