Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2022 · 1 min read

ये मेरे मित्र

ये मेरे प्रिय मित्र,मैं तुमसे कुछ पूछता हूं।
इस सोने से समय को क्यों व्यर्थ गमाते हो।
इतना तुमने अपने गुरु से तो सीखा होगा।
फिर भी तुम इतना क्यों सोते हो।
ये मेरे प्रिय मित्र मैं तुमसे कुछ पूछता हूं।
समय निकलने के बाद, जागें, तो क्या होगा।
इतना तो तुमने अपने अध्ययन में पाया होगा।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 133 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
Mahmood Alam
Dr . Arun Kumar Shastri - ek abodh balak
Dr . Arun Kumar Shastri - ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहा-
दोहा-
दुष्यन्त बाबा
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
sushil sarna
बात तो बहुत कुछ कहा इस जुबान ने।
बात तो बहुत कुछ कहा इस जुबान ने।
Rj Anand Prajapati
कैसा हो रामराज्य
कैसा हो रामराज्य
Rajesh Tiwari
- एक दिन उनको मेरा प्यार जरूर याद आएगा -
- एक दिन उनको मेरा प्यार जरूर याद आएगा -
bharat gehlot
सुकर्मों से मिलती है
सुकर्मों से मिलती है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हटा 370 धारा
हटा 370 धारा
लक्ष्मी सिंह
कभी कभी ज़िंदगी में लिया गया छोटा निर्णय भी बाद के दिनों में
कभी कभी ज़िंदगी में लिया गया छोटा निर्णय भी बाद के दिनों में
Paras Nath Jha
हिन्दी माई
हिन्दी माई
Sadanand Kumar
यह  सिक्वेल बनाने का ,
यह सिक्वेल बनाने का ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
जय लगन कुमार हैप्पी
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
Harminder Kaur
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
Anil Mishra Prahari
🙅खटारा सरकार🙅
🙅खटारा सरकार🙅
*Author प्रणय प्रभात*
वो इश्क को हंसी मे
वो इश्क को हंसी मे
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
जनक दुलारी
जनक दुलारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हिन्दी दोहा बिषय- न्याय
हिन्दी दोहा बिषय- न्याय
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
कविता: एक राखी मुझे भेज दो, रक्षाबंधन आने वाला है।
कविता: एक राखी मुझे भेज दो, रक्षाबंधन आने वाला है।
Rajesh Kumar Arjun
घर-घर एसी लग रहे, बढ़ा धरा का ताप।
घर-घर एसी लग रहे, बढ़ा धरा का ताप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बेअदब कलम
बेअदब कलम
AJAY PRASAD
ताक पर रखकर अंतर की व्यथाएँ,
ताक पर रखकर अंतर की व्यथाएँ,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
मुझको चाहिए एक वही
मुझको चाहिए एक वही
Keshav kishor Kumar
ସେହି କୁକୁର
ସେହି କୁକୁର
Otteri Selvakumar
जिंदगी में पराया कोई नहीं होता,
जिंदगी में पराया कोई नहीं होता,
नेताम आर सी
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
💐प्रेम कौतुक-340💐
💐प्रेम कौतुक-340💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
Harinarayan Tanha
Loading...