Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Mar 2022 · 1 min read

!! ये पत्थर नहीं दिल है मेरा !!

मेरा दिल न तुम पत्थर समझो, ये इश्क़ में चलता राही है
जो रक्त बह रहा है तन में, वह इश्क लिखे वो स्याही है
मेरा दिल ना पत्थर………..
(1) कितने लम्हे आए, कितनी सदियों के लम्हे बीत गए
जो डूबे हुए इश्क में थे, वो इश्क की बाजी जीत गए
कितने दिल टूटे बिखर गए, ये इश्क की बड़ी तबाही है
मेरा दिल ना पत्थर………..
(2) मैदान-ए-जंग मोहब्बत की, दिल को हथियार बना जीतो
तुम्हें लगन लगी जिस दिलबर की, उसको सच्चे दिल से चीतो
इतिहास के हो तुम दीवाने, ये जग की तुम्हें गवाही है
मेरा दिल ना पत्थर………
(3) खुद्दारी उन खुदारों की, इतिहास खूब दोहराता है
लैला मजनू थे प्यार भरे, कोई रांझा – हीर बताता है
जो इश्क में मिट कुर्बान हुए, ये उनकी वाही – वाही है
मेरा दिल ना पत्थर………
लेखक :- खैम सिंह सैनी
मो.न. 9266034599
M.A, B.Ed Rajasthan

5 Likes · 1684 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
The enchanting whistle of the train.
The enchanting whistle of the train.
Manisha Manjari
दंगे-फसाद
दंगे-फसाद
Shekhar Chandra Mitra
रूकतापुर...
रूकतापुर...
Shashi Dhar Kumar
शुभह उठता रात में सोता था, कम कमाता चेन से रहता था
शुभह उठता रात में सोता था, कम कमाता चेन से रहता था
Anil chobisa
ग़ज़ल - राना लिधौरी
ग़ज़ल - राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
Suryakant Dwivedi
चल सतगुर के द्वार
चल सतगुर के द्वार
Satish Srijan
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
डर के आगे जीत।
डर के आगे जीत।
Anil Mishra Prahari
समझे वही हक़ीक़त
समझे वही हक़ीक़त
Dr fauzia Naseem shad
Radiance
Radiance
Dhriti Mishra
मेरी औकात
मेरी औकात
साहित्य गौरव
रमेशराज की 3 तेवरियाँ
रमेशराज की 3 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
ललकार भारद्वाज
'गुमान' हिंदी ग़ज़ल
'गुमान' हिंदी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अभी मेरी बरबादियों का दौर है
अभी मेरी बरबादियों का दौर है
पूर्वार्थ
झूम मस्ती में झूम
झूम मस्ती में झूम
gurudeenverma198
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्रिंसिपल सर
प्रिंसिपल सर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-384💐
💐प्रेम कौतुक-384💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
AJAY AMITABH SUMAN
धन ..... एक जरूरत
धन ..... एक जरूरत
Neeraj Agarwal
पानी
पानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शिकारी संस्कृति के
शिकारी संस्कृति के
Sanjay ' शून्य'
2475.पूर्णिका
2475.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मां का आंचल(Happy mothers day)👨‍👩‍👧‍👧
मां का आंचल(Happy mothers day)👨‍👩‍👧‍👧
Ms.Ankit Halke jha
नियम, मर्यादा
नियम, मर्यादा
DrLakshman Jha Parimal
*खिले जब फूल दो भू पर, मधुर यह प्यार रचते हैं (मुक्तक)*
*खिले जब फूल दो भू पर, मधुर यह प्यार रचते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
रक्षा में हत्या / मुसाफ़िर बैठा
रक्षा में हत्या / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Loading...