ये नेता कारोबारी हैं
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ये नेता कारोबारी हैं
सारे जनतन्त्र पे भारी हैं
दाँत गड़ाए बैठे यारो
ये सारे घाघ शिकारी हैं
वोट मिले तो सत्ता पाए
ये मद में चूर जुआरी हैं
इनकी महिमा कैसे गाऊँ
अभिनेता हैं, दरबारी हैं
तानाशाही मत समझो जी
ये सब तो प्रेम पुजारी हैं
इनके बीच नहीं आना तुम
ये तलवारें दो धारी हैं