Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2021 · 2 min read

ये क्या हो रहा है…. किसान आंदोलन

…………….गीत
ये क्या हो रहा है?
===========

आतंकी अन्नदाता, बताया जा रहा हैं।
कैसा किस्सा ,ये सुनाया जा रहा हैं।।
सच के पीछे झूंठ, कौन सा छुपा है।
गोली -डंडा भी ,चलवाया जा रहा है।।
लालकिले की यूं ,बदल डाली कहानी।
नया झंडा कैसे, फहराया जा रहा है।।
क्या कोई साजिश तो, नहीं है ये गहरी।
दो अप्रैल को ,दोहराया जा रहा है।।
सच में ये किसान थे, या कोई जालिम।
देश को ये क्या, दिखाया जा रहा है।।
किसान भी मेरा है ,जवान भी है मेरा।
कैसा ये षड्यंत्र,रचाया था रहा है ।।
क्यूं ये हलचल है ,कैसी है अफरा- तफरी।
देश को किस रास्ते पै, लाया जा रहा है।।
गणतंत्र को गम में ,यूं तब्दील करके।
देश भक्ति का गीत ,गाया जा रहा है।।
एक दम कैसे ,ये माहौल है बदला ।
सोचकर ये सर ,चकराया जा रहा है।।
जांज तो इस बात की, करवा ही डालो।
तीर ये किसका , चलाया जा रहा है।।
रात भर रोती रही, यूं मां भारती ।
आजादी का मान, घटाया जा रहा है।।
किसान को जवान से, यूं लड़वाकर ।
देश को ये क्या, सिखाया जा रहा है।।
ये ही थे क्या ,अच्छे दिन सरकार तेरे।
खून से खून को, लडवाया जा रहा है।।
फूट जातीं आंख ,ये देखने से पहले।
तिरंगे के दिन तिरंगे को, हटाया जा रहा है।।
संविधान दिवस पर, हटाओ संविधान को।
देशद्रोही बिगुल, बजाया जा रहा है।।
बेच ना दे माली ,अब सारे चमन को।
खोलो आंखें, हाथ से सब जा रहा है।।
जाग सको तो जाग जाओ,ए- देश वालों
“सागर” तुमको, अब चेताया था रहा है।।
==========
बेखौफ शायर/गीतकार
डॉ. नरेश कुमार “सागर”
इंटरनेशनल साहित्य अवार्ड से सम्मानित

Language: Hindi
349 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लैला लैला
लैला लैला
Satish Srijan
हमको मालूम है
हमको मालूम है
Dr fauzia Naseem shad
क्या बोलूं
क्या बोलूं
Dr.Priya Soni Khare
नफ़रतों की बर्फ़ दिल में अब पिघलनी चाहिए।
नफ़रतों की बर्फ़ दिल में अब पिघलनी चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
मन है एक बादल सा मित्र हैं हवाऐं
मन है एक बादल सा मित्र हैं हवाऐं
Bhargav Jha
कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
“गुप्त रत्न”नहीं मिटेगी मृगतृष्णा कस्तूरी मन के अन्दर है,
“गुप्त रत्न”नहीं मिटेगी मृगतृष्णा कस्तूरी मन के अन्दर है,
गुप्तरत्न
आस पड़ोस का सब जानता है..
आस पड़ोस का सब जानता है..
कवि दीपक बवेजा
राजनीति के क़ायदे,
राजनीति के क़ायदे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
दौलत
दौलत
Neeraj Agarwal
नयकी दुलहिन
नयकी दुलहिन
आनन्द मिश्र
ज़हालत का दौर
ज़हालत का दौर
Shekhar Chandra Mitra
कविता
कविता
Rambali Mishra
वो इश्क़ कहलाता है !
वो इश्क़ कहलाता है !
Akash Yadav
भावक की नीयत भी किसी रचना को छोटी बड़ी तो करती ही है, कविता
भावक की नीयत भी किसी रचना को छोटी बड़ी तो करती ही है, कविता
Dr MusafiR BaithA
अमावस्या में पता चलता है कि पूर्णिमा लोगो राह दिखाती है जबकि
अमावस्या में पता चलता है कि पूर्णिमा लोगो राह दिखाती है जबकि
Rj Anand Prajapati
इश्क़ में
इश्क़ में
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
देता मगर न वोट , अश्रु से रोता नेता (हास्य कुंडलिया)
देता मगर न वोट , अश्रु से रोता नेता (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
घोंसले
घोंसले
Dr P K Shukla
1 jan 2023
1 jan 2023
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
💐Prodigy Love-40💐
💐Prodigy Love-40💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरा गुरूर है पिता
मेरा गुरूर है पिता
VINOD CHAUHAN
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी तो धड़कनें भी
मेरी तो धड़कनें भी
हिमांशु Kulshrestha
हाँ, मेरा मकसद कुछ और है
हाँ, मेरा मकसद कुछ और है
gurudeenverma198
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हाथ में फूल गुलाबों के हीं सच्चे लगते हैं
हाथ में फूल गुलाबों के हीं सच्चे लगते हैं
Shweta Soni
शायद आकर चले गए तुम
शायद आकर चले गए तुम
Ajay Kumar Vimal
Loading...