Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2023 · 1 min read

यूं ही नहीं कहलाते, चिकित्सक/भगवान!

✍️सभी चिकित्सकों को समर्पित __
यूं ही नहीं कहलाते, चिकित्सक/ भगवान!
अपनी रातों की नींद छोड़
दूसरों के ख्वाब सजाते हैं
भूख प्यास सब छोड़
सेहत दरकिनार कर जाते हैं
किसी रोगी के भाई, पुत्र सम
तो कभी लावारिस के, वारिस बन
उपचार कराते हैं
तब कहीं चिकित्सक … 🌹
सब के दर्द की दवा बनते
अपना दर्द छुपाते हैं
अपने को रखते तटस्थ मोड पर
मां पिता भाई बहन मित्र
सारे रिश्ते निभाने की
भाग दौड़ में (पति_पत्नि)
आपसी संवाद भी कहां कर पाते हैं।
तब कहीं चिकित्सक … 🌹
अभी अभी नव गर्भवती को
बेड रेस्ट की सलाह देकर आई है
आज फिर भूल गई, खुद गोली
अपने तीन महीने की प्रेग्नेंसी भी
कहां एन्जॉय कर पाई है
अपने हाथों नन्ही परी को
जन्मा देख सुकून पाते हैं
तब कहीं चिकित्सक … 🌹
सभी को देते सलाह
और काउंसलिंग करते
हॉस्पिटल आने की जल्दी में
अपने बच्चे को, दूध की तो छोड़ो
गले भी नहीं लगा पाते हैं
फोन पर ही पूछा हाल,किए कुछ वादे
अपना अपराध बोध मिटाते हैं।
तब कहीं चिकित्सक … 🌹
कोरोना वायरस के डर से
सब बुरी तरह घबरा गए
किया कईयों ने बुरा बर्ताव
थूका, फेंकी गंदगी
फिर भी सेवा को डटे रहे
परिजनों से मिलने,महीनों घर नहीं जा पाते हैं
तब कहीं चिकित्सक …🌹
सभी चिकित्सको को हार्दिक आभार!बधाई!।
__ मनु वाशिष्ठ

220 Views
Books from Manu Vashistha
View all

You may also like these posts

*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैथिली
मैथिली
श्रीहर्ष आचार्य
खुद
खुद
Swami Ganganiya
जीवन को सुखद बनाने की कामना मत करो
जीवन को सुखद बनाने की कामना मत करो
कृष्णकांत गुर्जर
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
Shweta Soni
- श्याम वर्ण की डोरी -
- श्याम वर्ण की डोरी -
bharat gehlot
अंगड़ाई
अंगड़ाई
भरत कुमार सोलंकी
नज़रें!
नज़रें!
कविता झा ‘गीत’
ई हवे मिलन तेवहार
ई हवे मिलन तेवहार
आकाश महेशपुरी
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
आनंद प्रवीण
संस्कार में झुक जाऊं
संस्कार में झुक जाऊं
Ranjeet kumar patre
ज़िन्दगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो,
ज़िन्दगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो,
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
उदर क्षुधा
उदर क्षुधा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
* बचपन *
* बचपन *
भूरचन्द जयपाल
मधुमाती होली
मधुमाती होली
C S Santoshi
पुत्रमोह
पुत्रमोह
manorath maharaj
यहां लोग सिर्फ़ औकात देखते हैं,
यहां लोग सिर्फ़ औकात देखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम पंक्षी एक डाल के
हम पंक्षी एक डाल के
Ahtesham Ahmad
किसने किसको क्या कहा,
किसने किसको क्या कहा,
sushil sarna
*भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#दिवस_विशेष-
#दिवस_विशेष-
*प्रणय*
प्रेमनगर
प्रेमनगर
Rambali Mishra
संवेदना मर रही
संवेदना मर रही
Ritu Asooja
नैन (नवगीत)
नैन (नवगीत)
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सुना था,
सुना था,
हिमांशु Kulshrestha
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
डॉ० रोहित कौशिक
राम मंदिर की सुंदरता
राम मंदिर की सुंदरता
Rahul Singh
ललकार ने ललकार मारकर,
ललकार ने ललकार मारकर,
श्याम सांवरा
‘प्रेम’
‘प्रेम’
Vivek Mishra
"गलत"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...