इश्क़ गुलाबों की महक है, कसौटियों की दांव है,
हो गया कोई फलसफा
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
आब त रावणक राज्य अछि सबतरि ! गाम मे ,समाज मे ,देशक कोन - को
*हिंदी की बिंदी भी रखती है गजब का दम 💪🏻*
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
तेरी आंखों में देखा तो पता चला...
आजकल कुछ सुधार है प्यारे...?
मन का मिलन है रंगों का मेल
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
चिरंतन सत्य
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
*गाजर-हलवा श्रेष्ठतम, मीठे का अभिप्राय (कुंडलिया)*