Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2022 · 1 min read

याद भी तुमको हम

हिचकियों की कमी बताती है ।
याद भी तुमको हम नहीं आये ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
5 Likes · 150 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
दास्ताने-कुर्ता पैजामा [ व्यंग्य ]
दास्ताने-कुर्ता पैजामा [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
लहर तो जीवन में होती हैं
लहर तो जीवन में होती हैं
Neeraj Agarwal
"अकेले रहना"
Dr. Kishan tandon kranti
मित्रता
मित्रता
Mahendra singh kiroula
एक सख्सियत है दिल में जो वर्षों से बसी है
एक सख्सियत है दिल में जो वर्षों से बसी है
हरवंश हृदय
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
दास्तां
दास्तां
umesh mehra
जिंदगी
जिंदगी
Madhavi Srivastava
वसुधा में होगी जब हरियाली।
वसुधा में होगी जब हरियाली।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
वक्त से वकालत तक
वक्त से वकालत तक
Vishal babu (vishu)
*सावन का वरदान, भीगती दुनिया सूखी (कुंडलिया)*
*सावन का वरदान, भीगती दुनिया सूखी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
शेखर सिंह
वक्त के दामन से दो पल चुरा के दिखा
वक्त के दामन से दो पल चुरा के दिखा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद — वंश परिचय — 01
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद — वंश परिचय — 01
Kirti Aphale
ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ
ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ
gurudeenverma198
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
Bhupendra Rawat
तुझमें : मैं
तुझमें : मैं
Dr.Pratibha Prakash
बाल कविता : काले बादल
बाल कविता : काले बादल
Rajesh Kumar Arjun
सब विश्वास खोखले निकले सभी आस्थाएं झूठीं
सब विश्वास खोखले निकले सभी आस्थाएं झूठीं
Ravi Ghayal
किराएदार
किराएदार
Satish Srijan
💐प्रेम कौतुक-227💐
💐प्रेम कौतुक-227💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*मेघ गोरे हुए साँवरे* पुस्तक की समीक्षा धीरज श्रीवास्तव जी द्वारा
*मेघ गोरे हुए साँवरे* पुस्तक की समीक्षा धीरज श्रीवास्तव जी द्वारा
Dr Archana Gupta
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
6. शहर पुराना
6. शहर पुराना
Rajeev Dutta
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
*** चल अकेला.......!!! ***
*** चल अकेला.......!!! ***
VEDANTA PATEL
पहाड़ के गांव,एक गांव से पलायन पर मेरे भाव ,
पहाड़ के गांव,एक गांव से पलायन पर मेरे भाव ,
Mohan Pandey
स्कूल चलो
स्कूल चलो
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अब
अब "अज्ञान" को
*Author प्रणय प्रभात*
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
Loading...