याद तुम्हारी आती है
भूलने की कोशिश बहुत की पर याद तुम्हारी आती है ।
तेरे हुस्न को देखकर चांदनी भी शर्मा जाती है ।
रात हो या उजाले हम तो है मतवाले ।
तुझको जब न देखु दिल ? मेरा घबराए ।
तुम जो न पास होती तो सामत सी बढ जाती है ।
भूलने की कोशिश बहुत की पर याद तुम्हारी आती है ।
क्या चलती हो मचलती हो ।
ऐसा लगता है तुम मेरे दिल मूंग दलती हो ।
क्या दहलती हो क्या लगती हो ।
जुल्फो की तेरी काली घटाए तुझको और निखारती है।
भूलने की कोशिश बहुत की पर याद तुम्हारी आती हैं ।
ये होंठो की लाली की मुस्कान जान हमारी लेती हैं ।
कानो की बाली देखकर मुझको जैसे अंगङाई लेती हैं ।
पर क्या कहूं बिंदिया तेरी सूरज से भी कातिल है।
आंखो का काजल लगता है जैसे कोई देख हमे मुस्काती है।
भूलने की कोशिश बहुत की पर याद तुम्हारी आती हैं ।
मिली थी जब तुम पहली बार ।
बज गई दिल की हमारे तार
कितना भी देंखु जी नही भरता ।
तुम्ही हो मेरी नाजनीन ।
हमको तो जैसे तेरी चुङियो की खनक बुलाती है ।
भूलने की कोशिश बहुत की पर याद तुम्हारी आती है ।
तेरे तन की खुशबू मेरे मन को खींचे ।
कितना भी समझाउ मनको भागे ओ तो ओछे ।
जी न सकूंगा तेरे बिना मै चाहे कुछ हो जाए ।
ऐसा लगे जनमो नाता मुझको पास बुलाए ।
रागिनी बनकर संगीत दिल मे राग तेरी सुनाती है ।
भूलने की कोशिश बहुत की पर याद तुम्हारी आती है ।