यादों के सैलाबों में ….
यादों के सैलाबों में ….
शराबों में शबाबों में ख़्वाबों की किताबों में
..ज़िंदगी उलझी रही सवालों और जवाबों में
………कैद हूँ मुद्दत से मैं आरज़ूओं के शहर में
……………ज़िन्दा रहे वो हमेशा यादों के सैलाबों में
सुशील सरना
यादों के सैलाबों में ….
शराबों में शबाबों में ख़्वाबों की किताबों में
..ज़िंदगी उलझी रही सवालों और जवाबों में
………कैद हूँ मुद्दत से मैं आरज़ूओं के शहर में
……………ज़िन्दा रहे वो हमेशा यादों के सैलाबों में
सुशील सरना