*यादें कब दिल से गईं, जग से जाते लोग (कुंडलिया)*
यादें कब दिल से गईं, जग से जाते लोग (कुंडलिया)
—————————————————-
यादें कब दिल से गईं , जग से जाते लोग
अब भी आते याद हैं ,जिनके शुभ संयोग
जिनके शुभ संयोग ,विगत के दिन महकाते
जिनके मीठे बोल ,गीत कानों में गाते
कहते रवि कविराय ,काश प्रभु दिन लौटा दें
हम हों उनके साथ ,शेष अब जिनकी यादें
————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1