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14 Jan 2023 · 1 min read

यह मकर संक्रांति

लाती है ऐसे खुशियाँ, यह मकर संक्रांति।
भरती है ऐसे उल्लास,यह मकर संक्रांति।।
लाती है ऐसे खुशियाँ———————।।

कर्क रेखा से मकर रेखा में, सूर्य आ जाता है।
इसीलिए इसको,मकर संक्रांति कहा जाता है।।
करती है दिन को बड़ा, यह मकर संक्रांति।
भरती है ऐसे उल्लास, यह मकर संक्रांति।।
लाती है ऐसे खुशियाँ———————-।।

खेतों में फसलों की पूजा, होती है इस दिन।
बेटियाँ भी बाबुल के घर, आती है इस दिन।।
दान-पुण्य का है त्यौहार, यह मकर संक्रांति।
भरती है ऐसे उल्लास,यह मकर सक्रांति।।
लाती है ऐसे खुशियाँ———————-।।

इस दिन को पतंगों का,त्यौहार भी तो कहते हैं।
गुल्ली-डंडा- कुश्ती-दौड़ खेल, गांवों में खेलते हैं।।
तिल के लड्डू सी है मीठी, यह मकर संक्रांति।
भरती है ऐसे उल्लास, यह मकर संक्रांति।।
लाती है ऐसे खुशियाँ———————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला-बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
235 Views
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