यह दुनिया है कैसी
यह दुनिया है कैसी, समझ मैं गया हूँ।
मिला प्यार इससे, ठगा भी गया हूँ।।
यह दुनिया है कैसी——————-।।
मिला प्यार गैरों से, अपनों से निराशा।
छोड़ा साथ यारों ने, बनाकर तमाशा।।
इसी दुनिया में बर्बाद, किया मैं गया हूँ।
मिला प्यार इससे, ठगा भी गया हूँ।।
यह दुनिया है कैसी———————।।
मुफलिसी में मुझको, मिला दर्द बहुत है।
जिसके लिए दोषी, यह दुनिया बहुत है।।
बदनाम बहुत तब , किया मैं गया हूँ।
मिला प्यार इससे, ठगा भी गया हूँ।।
यह दुनिया है कैसी——————-।।
मिलता है मुझको, सम्मान बहुत अब।
गाती है मेरे गुण, यह दुनिया बहुत अब।।
शौहरत मेरी देखकर, अपनाया गया हूँ।
मिला प्यार इससे, ठगा भी गया हूँ।।
यह दुनिया है कैसी——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा एवं शिक्षक
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847