यह अंजान चेहरे
यह अंजान चेहरे भले हैं
जो मेरी तरफ मुस्कुराकर तो
देखते हैं
खामोश रहते हैं या
कम बोलते हैं
कुछ थोड़ा बहुत पूछते भी हैं तो
मेरे बारे में कुछ जानते नहीं
यह रिश्ता बेहतर है
दिल को थोड़ा सुकून देता है
जहां दो दिल एक दूसरे से चलिए
कुछ तो हमदर्दी करते हैं
एक दूसरे को परखते नहीं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001